About school life -School teachers, School friends, and School daily routines.
School Life
By- Ankit Narang
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School Life |
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classroom, last bench |
School Life, School Poem
By-Ankit Narang
हँसना रुलाना या फिर किसी को सताना…किस गली छूट गया आखिर ये दोस्ताना…
सुबह अलार्म की जगह जल्दी माँ का उठाना…
स्कूल ना जाने का हज़ार बहाने बनाना…
MORNING ASSEMBLY में बेवजहा चीखना...
स्कूल की TABLE पर दो हिस्से कर लकीर खिंचना...
अपना सारा ASSIGNMENT हमनें लड़कियों से लिखवाया हैं…
TABLE के गंदे हो जाने पर हम ने अपने ही दोस्त के बैग से साफ करवाया हैं…
H.W ना करने पर कोपी घर पर छोड़ आया यह कह कर बोलना…
RECESS से पहले सारे दोस्तों के टिफ़िन खोलना...
हँसना रुलाना या फिर किसी को सताना…
किस गली छूट गया आखिर ये दोस्ताना…
खड़ूस TEACHERS के रोज़ नए नाम बनाना…
WASHROOM के नाम पर पूरा स्कूल घूम कर आना…
क्लास में BOOK CRICKET और PEN FIGHT खेलना…
बेमतलब अपने दोस्तों को लड़कियों के ऊपर धकेलना…
BIRTHDAY पर अपने BEST FRIEND को दो ओर बाकियों को एक टॉफी देना…
पेन होते हुए भी जानबुच कर अपने CRUSH से पेन लेना…
मस्ती से TOILET में दीवाली फटाके फोड़ना…
चुपके से स्कूल के आखिरी दिन CLASS ROOM के पंखे मोड़ना…
गुम है अब कहीं वो बचपन वाला रविवार…
पता नहीं कब मिलेंगे वो स्कूल के यार…
हँसना रुलाना या फिर किसी को सताना…
किस गली छूट गया आखिर ये दोस्ताना…
किसे पता था GROUP PHOTO में अब वो चेहरे आखरी होंगे…
आखरी बार हम ने शायद हमारे SCHOOL DRESS पहने होंगें…
आज भी अगर पीली SCHOOL BUS सामने से गुज़र जाती हैं
वो स्कूल और स्कूल की दोस्तों की याद में हमारी आँखें नम हो जाती हैं…
आज भी नही बदला है ये शहर....
बस गुम हैं उन दोस्तों का पहर...
HOPE YOU ALL WILL LIKE
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School Life, School Poem
Reviewed by Ankit Narang
on
April 16, 2019
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